70% भारतीय छात्र विदेश में एसटीईएम क्षेत्र चुनते हैं: यही कारण है कि यूरोप उनका पहला विकल्प है
70% भारतीय छात्र विदेश में एसटीईएम चुनते हैं: क्यों यूरोप उनकी शीर्ष पसंद के रूप में आगे है विशिष्ट शिक्षा और कैरियर विकास के अवसरों की बढ़ती मांग ने भारतीय छात्रों को विदेशों में शैक्षिक रास्ते तलाशने के लिए प्रेरित किया है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पढ़ रहे लगभग 70% भारतीय छात्र एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्रों में नामांकित हैं, जो उच्च रोजगार क्षमता और वैश्विक मांग का वादा करने वाले विषयों में गहरी रुचि को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, यूरोप अपने किफायती शिक्षा विकल्पों, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध वातावरण और उच्च शैक्षणिक प्रतिष्ठा के कारण अन्य क्षेत्रों को पीछे छोड़ते हुए भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है।2023 में, भारत के बाहर उच्च शिक्षा चाहने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 1.3 मिलियन से अधिक हो गई, जो पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। वैश्विक प्रदर्शन का वादा, उन्नत अनुसंधान सुविधाओं तक पहुंच और विविध कार्य अवसर जैसे कारक विदेश में अध्ययन को एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। रिपोर्ट के निष्कर्ष अध्ययन के क्षेत्र और गंतव्य विकल्पों के संबंध में भारतीय छात्रों की विशिष्ट प्राथमिकताओं को उजागर करते हैं, जिसमें यूरोप विशेष रूप से मजबूत आकर्षण दिखा रहा है।भारतीय छात्रों के बीच एसटीईएम पाठ्यक्रमों के प्रति बढ़ती प्राथमिकताभारतीय छात्रों के बीच एसटीईएम क्षेत्रों की प्राथमिकता प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में वैश्विक मांग और रोजगार क्षमता में निहित है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा प्राप्त करने वाले लगभग 70% भारतीय छात्रों ने STEM विषयों को चुना। ये क्षेत्र आशाजनक कैरियर मार्ग प्रदान करते हैं और विभिन्न वैश्विक उद्योगों के लिए आवश्यक हैं, जो इन्हें सुरक्षित और वित्तीय रूप से पुरस्कृत करियर चाहने वाले छात्रों के लिए आकर्षक बनाते हैं।यह एसटीईएम फोकस दुनिया भर के रुझानों के अनुरूप है, जहां छात्र उच्च नौकरी की संभावनाओं वाले क्षेत्रों में तेजी से पाठ्यक्रम अपना रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा एसटीईएम शिक्षा के…
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