उन्होंने कहा, “हमने बाढ़ एवं जल निकासी प्रभागों के साथ-साथ ग्रामीण कार्य विभाग के 17 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है।” घोर लापरवाही राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “यह उनकी ओर से एक बड़ा कदम है।”
गुरुवार को सारण में गंडकी नदी पर बना एक पुल ढह गया, जिससे बिहार में 16 दिनों में यह 10वीं घटना हो गई। हालांकि, सरकार ने दावा किया है कि केवल नौ पुल ढहे हैं।
सारण और सीवान जिलों में पुल ढहने से जुड़ी चूक के लिए 11 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है। सरकार ने कहा, “जल संसाधन विभाग के उड़न दस्तों की जांच में पाया गया कि इंजीनियरों ने एहतियाती कदम नहीं उठाए और पुलों का तकनीकी निरीक्षण नहीं किया। ठेकेदारों की ओर से भी घोर लापरवाही पाई गई।”
अतिरिक्त निलंबन में ग्रामीण कार्य विभाग के चार इंजीनियरों को लापरवाही के लिए निलंबित किया गया, जिसके बाद मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाली टीम ने जांच की। पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन ब्लॉक में हुए भूस्खलन से जुड़े दो और इंजीनियरों को भी निलंबित किया गया।
सरकार ने दोषी अधिकारियों पर शिकंजा कसा, विपक्षी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पुल ढहने की घटना को “प्रशासनिक विफलता” बताया। तेजस्वी ने कहा, “बिहार में डबल इंजन एक ऐसे खेल में शामिल हैं, जिसमें एक इंजन भ्रष्टाचार में लगा है और दूसरा अपराध में।”
इस बीच, राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग मंत्री नीरज कुमार सिंह उन्होंने कहा कि सरकार ने पाइप पेयजल आपूर्ति प्रणाली से संबंधित 3,600 करोड़ रुपये के टेंडर रद्द कर दिए हैं, जो पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान शुरू किए गए थे।
मंत्री ने संवाददाताओं को बताया, “इन निविदाओं को संशोधित किया जा रहा है ताकि इनमें नई विशेषताएं शामिल की जा सकें, जिनका उद्देश्य दक्षता और कवरेज बढ़ाना है।”
सिंह ने कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि इसमें कोई अनियमितता थी। विभाग ने मौजूदा निविदाओं की समीक्षा की और नई विशेषताएं शामिल करने के लिए उन्हें संशोधित करने का निर्णय लिया।”