इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय एक्स से बात की और कहा, “मध्यम वर्ग को सताने वाला वापस आ गया है…कांग्रेस भारत को धोखा देती है, चुनाव के तुरंत बाद सैम पित्रोदा को वापस लाती है।”हुआ तो हुआ”
इस साल मई में पित्रोदा उस समय आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे, जब उन्होंने अपने बयानों में कहा था कि वे संविधान की मूल भावना को बनाए रखेंगे। वंशानुक्रम कर भारत में कानून और इस बात का उल्लेख करते हुए कि दक्षिण भारत के लोग “अफ्रीकियों की तरह दिखते हैं और पश्चिम के लोग अरबों की तरह दिखते हैं और पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम दुनिया में लोकतंत्र का एक शानदार उदाहरण हैं…हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं, जहां पूर्व में लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम में लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर में लोग शायद गोरे दिखते हैं और दक्षिण में लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं। कोई बात नहीं, हम सभी भाई-बहन हैं।”
अपने बयानों पर मचे बवाल के बाद पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। ओवरसीज चेयरमैन की टिप्पणियों को नस्लवादी माना गया, जिसके कारण राजनीतिक रूप से काफी नुकसान हुआ।
इस “नस्लवादी टिप्पणी” पर स्वयं प्रधानमंत्री की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई, जिन्होंने अपने चुनावी भाषण में कांग्रेस की “विभाजनकारी” मानसिकता की आलोचना की तथा दावा किया कि पार्टी का लक्ष्य देश को खंडित करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने बार-बार साबित किया है कि वह भारत और भारत के लोगों के खिलाफ है।’’
(एजेंसियों से इनपुट सहित)