चंडीगढ़ के बाहरी इलाके नयागांव में बसपा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इनेलो नेता अभय चौटाला उन्होंने कहा कि यह गठबंधन किसी स्वार्थ पर आधारित नहीं है, बल्कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि बसपा और इनेलो की सोच यह है कि गरीबों को न्याय कैसे मिले और कमजोर वर्ग कैसे सशक्त बनें।
उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा में हमने आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है। आज आम लोगों की भावना भाजपा को सत्ता से बाहर करने और सत्ता बरकरार रखने की है।’’ कांग्रेस पार्टी चौटाला ने कहा, “भाजपा और कांग्रेस के बीच कोई संबंध नहीं है, जिन्होंने 10 साल तक राज्य को लूटा।”
बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने हाल ही में कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती और चौटाला ने गठबंधन को मजबूत करने के संबंध में एक विस्तृत बैठक की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘उस बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से बसपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।’’
फरवरी 2019 में, बीएसपी ने इनेलो के साथ अपने लगभग नौ महीने पुराने गठबंधन को खत्म कर दिया था, जो उस समय हरियाणा की मुख्य विपक्षी पार्टी थी। उस समय यह घटनाक्रम चौटाला परिवार में झगड़े के बीच हुआ था।