वीडियोगेम कम्पनियों एपिक गेम्स, इलेक्ट्रॉनिक आर्ट्स, रोबॉक्स और चार अन्य पर गुरुवार को यूरोपीय संघ की उपभोक्ता शिकायत दर्ज की गई, जिसमें उन पर गेमर्स को गुमराह कर पैसा खर्च करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया।
यह कदम बच्चों में गेम खेलने की लत के बढ़ने की बढ़ती चिंता के बीच उठाया गया है, कुछ अभिभावकों का आरोप है कि वीडियोगेम निर्माताओं ने जानबूझकर ऐसे उत्पाद डिजाइन किए हैं, जिनके कारण बच्चे गेम के आदी हो गए हैं।
यूरोपीय उपभोक्ता संगठन (बीईयूसी) और फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन सहित यूरोप भर के इसके 22 सदस्यों ने गुरुवार को यूरोपीय आयोग और यूरोपीय उपभोक्ता प्राधिकरण नेटवर्क के समक्ष शिकायत दर्ज कराई।
बीईयूसी के महानिदेशक अगस्टिन रेयना ने एक बयान में कहा, “बीईयूसी के सदस्यों ने ऐसे कई मामलों की पहचान की है, जहां गेमर्स को पैसे खर्च करने के लिए गुमराह किया जाता है। नियामकों को कार्रवाई करनी चाहिए, यह स्पष्ट करना चाहिए कि भले ही गेमिंग की दुनिया आभासी है, फिर भी इसे वास्तविक दुनिया के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा, “आज, प्रीमियम इन-गेम मुद्राएं जानबूझकर उपभोक्ताओं को धोखा दे रही हैं और बच्चों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। कंपनियां बच्चों की कमज़ोरियों से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं और युवा उपभोक्ताओं को ज़्यादा खर्च करने के लिए लुभाने के लिए तरकीबें अपनाती हैं।”
शिकायत में माइक्रोसॉफ्ट के एक्टिविज़न ब्लिज़ार्ड, मोजांग स्टूडियोज़, सुपरसेल (जिसका अधिकांश स्वामित्व चीन की टेंसेंट के पास है) और फ्रांसीसी समकक्ष यूबीसॉफ्ट को भी निशाना बनाया गया है।
एसोसिएशनों ने कहा कि वे इस बात से चिंतित हैं कि उपभोक्ता, विशेषकर बच्चे, डिजिटल वस्तुओं की वास्तविक लागत नहीं देख पाते, जिसके कारण वे अधिक खर्च कर देते हैं, तथा प्रीमियम इन-गेम मुद्राओं का उपयोग करते समय उपभोक्ताओं को अक्सर उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है।
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