स्वामी विवेकानन्द जयंती 2025: जानिए तिथि और महत्व
स्वामी विवेकानन्द जयन्ती 2025 स्वामी विवेकानन्द जयन्तीप्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को मनाया जाने वाला यह त्योहार भारत में गहरा महत्व रखता है, क्योंकि यह देश के सबसे प्रभावशाली आध्यात्मिक नेताओं और विचारकों में से एक, स्वामी विवेकानंद की जयंती का प्रतीक है। इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो समाज में युवाओं के प्रेरक योगदान और युवा पीढ़ी को व्यक्तिगत विकास, आत्म-सुधार और सामाजिक प्रगति के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाएँ दुनिया भर में लाखों लोगों, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करती रहती हैं। उनके दर्शन ने आत्मविश्वास, अनुशासन और मानवता की सेवा के महत्व पर जोर दिया। राष्ट्रीय युवा दिवस उनकी विरासत का सम्मान करने और युवाओं को उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। यह याद रखने का दिन है कि किसी राष्ट्र का भविष्य उसके युवाओं के हाथों में है, और जब वे खुद को नेक कार्यों के लिए समर्पित करते हैं, तो देश अधिक ऊंचाइयों तक प्रगति कर सकता है। स्वामी विवेकानन्द ने एक बार कहा था, “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” उनके शब्द हमेशा युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति रहे हैं, जो उन्हें बाधाओं को तोड़ने, अपने सपनों का पीछा करने और चुनौतियों के बावजूद डटे रहने के लिए प्रेरित करते हैं। यह दिन भारत के युवाओं को अपने लक्ष्यों पर दृढ़ रहने और समाज में सकारात्मक योगदान देने की याद दिलाता है।स्वामी विवेकानन्द जयन्ती 2025: महत्वस्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में नरेन्द्र नाथ दत्त के रूप में हुआ था। वह 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में प्रमुखता से उभरे, जहां सार्वभौमिक भाईचारे और सहिष्णुता पर उनके भाषण ने उन्हें एक वैश्विक शख्सियत बना दिया। विवेकानन्द की शिक्षाएँ वेदान्तिक दर्शन में गहराई से निहित थीं और उन्होंने व्यावहारिक जीवन के साथ आध्यात्मिकता के एकीकरण की वकालत की।…
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