मुर्गी पालन के लिए बर्ड फ्लू के टीके व्यवहार में प्रभावी साबित हुए
पेरिस/एम्सटर्डम: अंडा देने वाली मुर्गियों के लिए बर्ड फ्लू के टीके डच सरकार ने मंगलवार को पुष्टि करते हुए कहा कि ये उपाय व्यवहार में प्रभावी हैं। टीकाकरण की योजना दुनिया भर में पोल्ट्री फार्मों को तबाह करने वाले वायरस के खिलाफ पोल्ट्री फार्मों की लड़ाई जारी है, तथा इससे मानव में संक्रमण की आशंका बढ़ गई है। अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा, जिसे आम तौर पर बर्ड फ्लू कहा जाता है, के कारण हाल के वर्षों में विश्व भर में करोड़ों मुर्गियां या तो मर गईं या उन्हें मार दिया गया, जिनमें से अधिकांश अंडा देने वाली मुर्गियां थीं, जिसके कारण अंडों की कीमतें आसमान छू गईं। पिछले वर्ष की शुरुआत में वेगेनिनजेन बायोवेटरिनरी रिसर्च (डब्ल्यूबीवीआर) की प्रयोगशाला में किए गए शोध से पता चला था कि फ्रांस के सेवा एनिमल हेल्थ और जर्मनी के बोह्रिंजर इंगेलहेम द्वारा निर्मित बर्ड फ्लू के दो टीके, वायरस के खिलाफ प्रभावी थे, लेकिन खेत पर कोई प्रयोग नहीं किया गया था। डच कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सितंबर 2023 में 1,800 दिन के चूजों को बर्ड फ्लू के खिलाफ टीका लगाया गया था। परिणाम बताते हैं कि परीक्षण किए गए दोनों टीके टीकाकरण के आठ सप्ताह बाद वायरस के संक्रमण के खिलाफ प्रभावी हैं।” इसमें कहा गया है, “यह तथ्य कि टीके व्यवहार में काम करते हैं, बर्ड फ्लू वायरस के खिलाफ पोल्ट्री के बड़े पैमाने पर टीकाकरण की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।” बर्ड फ्लू के कारण चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि यह बीमारी स्तनधारियों में तेजी से फैल रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली बार डेयरी गायों में इसका प्रकोप पाया गया है, जिससे देश की दूध आपूर्ति के माध्यम से इसके मनुष्यों में फैलने की चिंता बढ़ गई है। मंत्रालय ने बताया कि ये परीक्षण वैगनिंगन विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान (डब्ल्यूयूआर), रॉयल जीडी (पशु स्वास्थ्य सेवा) और यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा संकाय द्वारा दो फार्मों पर किए गए। डच मंत्रालय ने कहा कि…
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