भारतीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश चंद्र रूपसिंघे गुणवर्धने से शिष्टाचार भेंट करेगा। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के एजेंडे में श्रीलंकाई सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर चर्चा और क्षमता निर्माण पहलों के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से दीर्घकालिक समझौते पर संभावित हस्ताक्षर शामिल हैं।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये चर्चाएं भविष्य के सहयोग के लिए रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने और प्रभावी शासन प्रथाओं पर अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान करने पर केंद्रित होंगी।
यह यात्रा श्रीलंका लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्य के विदेश मंत्रालय के निमंत्रण पर आयोजित की जा रही है जिसका उद्देश्य कार्मिक प्रशासन और शासन में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है।
तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, वी. श्रीनिवास श्रीलंका के राष्ट्रपति के सचिव ई.एम.एस.बी.कनायके, श्रीलंका के प्रधानमंत्री के सचिव अनुरा दिसानायके तथा लोक प्रशासन, गृह मंत्रालय, प्रांतीय परिषद और स्थानीय सरकार के सचिव प्रदीप यासरथने के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
इस यात्रा में श्रीलंकाई सिविल सेवा में NCGG के पूर्व छात्रों के साथ एक संवादात्मक सत्र भी शामिल है। प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका विकास प्रशासन संस्थान (SLIDA) का दौरा करेगा, जहाँ संकाय सदस्यों और सिविल सेवा अधिकारियों के साथ क्षमता निर्माण पहलों और केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणालियों के कार्यान्वयन पर चर्चा की जाएगी।
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि कार्यक्रम में जिला प्रशासन द्वारा एक प्रस्तुति सत्र भी शामिल है, जिसमें जिले द्वारा प्रदान की जाने वाली सार्वजनिक सेवाओं का अवलोकन किया जाएगा तथा जिले के अधिकारियों की यात्रा पर आए प्रतिनिधिमंडल के साथ एक खुली चर्चा भी होगी।
यह उल्लेख करना उचित है कि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने श्रीलंका के वरिष्ठ और मध्यम स्तर के अधिकारियों के लिए तीन क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। 12-17 फरवरी, 2024 को एनसीजीजी की पहली यात्रा के दौरान, 14 वरिष्ठ श्रीलंकाई सिविल सेवकों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधान मंत्री के सचिव अनुरा दिसानायका ने किया था। आज तक, एनसीजीजी ने श्रीलंका के कुल 95 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है।