राहुल के दौरे के बाद शोक संतप्त परिवार के एक सदस्य ने कहा, “उन्होंने हमसे कहा कि वह पार्टी की ओर से हमारी मदद करेंगे। उन्होंने हमसे पूछा कि सब कुछ कैसे हुआ।”
यह भगदड़ मंगलवार शाम को धार्मिक उपदेशक नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान हुई, जिन्हें ‘साधु’ के नाम से भी जाना जाता है।भोले बाबा‘। उपदेशक की पहचान सूरज पाल के रूप में की गई है, जिसे नारायण साकार हरि और जगत गुरु विश्वहरि के नाम से भी जाना जाता है। प्रथम दृष्टया रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ तब हुई जब भक्त आशीर्वाद लेने और उपदेशक के पैरों के आसपास की मिट्टी इकट्ठा करने के लिए दौड़े, लेकिन ‘भोले बाबा’ के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद हुई धक्का-मुक्की में कई लोग ज़मीन पर गिर गए, जिससे घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई।
घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट पर तलाशी अभियान चलाया। मैनपुरी गुरुवार को ‘भोले बाबा’ का पता लगाने के लिए पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, जिसमें प्रार्थना सभा के आयोजकों के नाम शामिल हैं, लेकिन ‘भोले बाबा’ का नाम अभी तक नहीं बताया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार ने 4 जुलाई को कहा कि “बाबा आश्रम के अंदर नहीं मिले” और “आश्रम के अंदर 40-50 सेवादार थे।” एसपी सिटी राहुल मिठास ने भी सुरक्षा जांच के लिए आश्रम का दौरा किया और पुष्टि की कि वहां कोई नहीं मिला।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए। व्यापक और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। आयोग अगले दो महीनों में हाथरस भगदड़ के विभिन्न पहलुओं की जांच करेगा और राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा।