केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया। NEET-UG पेपर लीक मामला।
सीबीआई सूत्रों ने बताया, “डॉ. एहसान उल हक और इम्तियाज आलम, झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल में प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे।”
उल्लेखनीय है कि हक को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा सिटी कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया था। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी 2024)।
इससे पहले गुरुवार को सीबीआई ने बिहार के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। पटना एनईईटी-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। गिरफ़्तार करना मनीष प्रकाश और आशुतोष नामक दो व्यक्तियों की हत्या कर दी गई।
गिरफ्तार किये गये लोग पटना से अपना काम करते पाये गये।
अधिकारी ने कहा कि आरोपी आशुतोष छात्रों के लिए सुरक्षित घर की व्यवस्था कर रहा था, जबकि अन्य आरोपी मनीष उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए ‘तैयार’ करने के लिए स्कूल ले जाता था। सीबीआई अधिकारी ने बताया, “मनीष प्रकाश छात्रों को अपनी कार में ले जाता था। जबकि छात्रों को आशुतोष के घर में ठहराया जाता था।”
उन्होंने बताया कि नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई द्वारा की गई यह पहली गिरफ़्तारी है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया।
सोमवार को सीबीआई ने पटना (बिहार) में सामने आए नीट (यूजी) पेपर लीक मामले, गोधरा (गुजरात) में एक अन्य धोखाधड़ी मामले और राजस्थान में परीक्षा में कथित रूप से दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के तीन मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली।
इससे पहले, नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं का जिक्र करते हुए अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच के साथ-साथ दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
NEET-UG परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है। इसके कारण देशभर में विरोध प्रदर्शनों की झड़ी लग गई है, प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक दलों ने NTA को भंग करने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा था जिसमें नीट-यूजी 2024 परीक्षा के लिए इस्तेमाल की गई ओएमआर शीट पर अंकों की “असंगत” गणना का दावा किया गया था।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने नोटिस जारी कर एनटीए से अगली सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तक जवाब मांगा है।
शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर कर नीट-यूजी 2024 के परिणाम वापस लेने और परीक्षा नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसमें 5 मई को आयोजित परीक्षा में पेपर लीक और गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था।
सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही NEET-UG, 2024 की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
एनटीए द्वारा आयोजित नीट-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश का मार्ग है।