लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आश्वासन दिया कि यदि इमारत अवैध पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रवासियों की उपस्थिति यहां के लोगों के लिए चिंता का विषय है। हिमाचल प्रदेश.”
सिंह ने कहा कि मामला नगर निगम आयुक्त की अदालत में लंबित है, जिसकी सुनवाई 7 सितंबर को होगी।
चार घंटे तक चले प्रदर्शन में स्थानीय निवासियों, भाजपा कार्यकर्ताओं और कई संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया और कथित घटना के खिलाफ नारे लगाए। अवैध मस्जिदअधिकारियों ने किसी भी तरह की घटना को रोकने के लिए एक बड़ी पुलिस टीम तैनात की। हिंसाशिमला के डीसी अनुपम कश्यप ने कहा कि प्रशासन शांति सुनिश्चित करने के लिए दोनों समुदायों के साथ चर्चा कर रहा है।
पिछले हफ़्ते एक व्यक्ति और अल्पसंख्यक समुदाय के एक नाई के बीच हुए विवाद के बाद मस्जिद निर्माण का मामला तूल पकड़ गया। आरोप है कि व्यक्ति ने नाई को थप्पड़ मारा और नाई के दोस्तों ने उसके साथ मारपीट की, जिससे उसके सिर पर चोट लग गई और उसे एक दर्जन टांके लगाने पड़े।
बुधवार को राज्य विधानसभा में मस्जिद को लेकर बहस छिड़ गई। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मस्जिद की वैधता पर 2010 से ही समीक्षा चल रही है और अब तक 44 से ज़्यादा सुनवाई हो चुकी हैं।
सिंह ने कहा, “इसके बावजूद निर्माण अवैध रूप से किया गया। जब नागरिक नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उन पर तत्काल कार्रवाई की जाती है, तो फिर इस मुद्दे को इतने लंबे समय तक क्यों नजरअंदाज किया गया? अवैध तो अवैध ही है, चाहे वह मंदिर हो या मस्जिद।”