29 वर्षीय नितेश ने 48 मिनट तक चले मैच में 21-16, 21-12 से जीत हासिल करके अपना दबदबा दिखाया, जिससे भारत की एसएल3 श्रेणी से पदक जीतना सुनिश्चित हो गया।
फाइनल में उनका मुकाबला ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा, जिन्होंने थाईलैंड के को हराया। बन्सुन मोंगखोन दूसरे सेमीफाइनल में 21-7, 21-9 से हराया।
नितेश ने 2009 में एक दुर्घटना में पैर की स्थायी क्षति से उबरकर पूरे टूर्नामेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
एसएल3 श्रेणी से पदक सुनिश्चित करते हुए नितेश ने प्रमोद भगत के पदचिन्हों पर चलते हुए तीन साल पहले टोक्यो में पैरा बैडमिंटन की शुरुआत करते हुए स्वर्ण पदक जीता था।
एसएल3 वर्ग के खिलाड़ी गंभीर निचले अंग विकलांगता के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं और आधी चौड़ाई वाले कोर्ट पर खेलते हैं। आईआईटी मंडी स्नातक अब बेथेल में एक दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी का सामना करेंगे, जो टोक्यो पैरालिंपिक में उपविजेता था।
सोमवार को होने वाला फाइनल मुकाबला रोमांचक होने वाला है, जिसमें नितेश का लक्ष्य बेथेल के खिलाफ स्वर्ण पदक जीतना है, जो एक मजबूत दावेदार साबित हुआ है।