सीतारमण ने बैंक के 90वें स्थापना दिवस समारोह में अपने भाषण में कहा, “बैंकों को प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित एजेंडे को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी और आपकी भूमिका से हम इस सपने को साकार करने में और अधिक गति प्रदान करेंगे।” बैंक ऑफ महाराष्ट्र.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बैंकों को बुनियादी ढांचा क्षेत्र को मजबूत समर्थन प्रदान करना होगा, यह सुनिश्चित करना होगा कि एमएसएमई को आवश्यकता-आधारित वित्तपोषण तक पहुंच हो, बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में लाना होगा तथा बीमा पहुंच बढ़ाने में योगदान देना होगा।
सीतारमण ने बैंकिंग परिदृश्य पर प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी प्रभाव को भी स्वीकार किया, जो ग्राहकों को सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल बैंकिंग अनुभव प्रदान करता है।
हालांकि, वित्त मंत्री ने चेतावनी दी, “आप (बैंक) ऐसा डिजिटल सिस्टम नहीं रख सकते जो कहीं हैक हो जाए और पूरा सिस्टम तथा उस पर भरोसा खतरे में पड़ जाए। इसलिए आपके पास एक मजबूत और लचीला सिस्टम होना चाहिए जिसके लिए आपको समय-समय पर यह सुनिश्चित करना होगा कि फायरवॉल पर्याप्त हैं, कोई भी आपातकालीन अभ्यास जो आपको करने की आवश्यकता है, क्या स्थिति होगी ताकि आप जान सकें कि डिजिटल असुरक्षित घटनाओं के संदर्भ में आपातकालीन स्थिति होने पर कैसे निपटा जाए।”
इसके अतिरिक्त, उन्होंने डिजिटल भुगतान को सुविधाजनक बनाने में यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डाला और कहा कि दुनिया भर में सभी वास्तविक समय डिजिटल भुगतानों का 45 प्रतिशत भारत में होता है और यूपीआई वर्तमान में सात देशों में परिचालन कर रहा है।