द्वारा आयोजित देशज के चौथे संस्करण के दौरान लखनऊ में जीवंत सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों की एक शाम देखने को मिली सोनचिरैया फाउंडेशन पद्मश्री का मालिनी अवस्थी. महाकुंभ थीम पर आधारित इस कार्यक्रम का उद्घाटन यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने किया और इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया। भारत भर से आए हस्तशिल्प के स्टॉल ने भी खूब ध्यान खींचा।
बीसीसीएल
(बाएं) मुकेश कुमार मेश्राम (बाएं) अवनीश अवस्थी
(एलआर) अनुराग डिडवानिया, अविरल सक्सेना और हिमांशु बाजपेयी
महोत्सव के पहले दिन मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, सोनचिरैया की अध्यक्ष और लेखिका पद्मश्री विद्या बिंदु सिंह और भातखंडे संस्कृति विद्यालय की कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह भी नजर आईं।
(बाएं) डॉ. अनन्या अवस्थी (बाएं) नंदेश उमाप
डॉ. रंजना अग्रहरि (बाएं) और अलका वर्मा
पुशकर और डॉ. दिव्या अवस्थी
शालिनी अवस्थी और सोमदत्त अवस्थी
कार्यक्रम की शुरुआत पंजाबी लोक गायक की प्रस्तुति से हुई मास्टर सलीमजिन्होंने अपनी दमदार आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बाद में, मालिनी ने मंगल भवन की भावपूर्ण प्रस्तुति दी, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। कार्यक्रम में भव्यता की झलक भी देखने को मिली महाकुंभ 2025 उत्सव. मैत्रेयी पहाड़ी द्वारा निर्देशित 20 मिनट के महाकुंभ पूर्वावलोकन में कथक, ओडिशा के छाऊ और हरियाणा के फाग नृत्य का मिश्रण दिखाया गया, जो समुद्र मंथन की कहानी को दर्शाता है। दिन का मुख्य आकर्षण पद्मश्री पंडित राम दयाल शर्मा और उनकी मंडली द्वारा नौटंकी प्रदर्शन था, जो ब्रिटिश काल के दौरान भारतीयों के लिए रॉबिन हुड व्यक्तित्व डाकू सौलताना से प्रेरित कहानियों पर आधारित था। बुन्देलखण्ड के 51 बच्चों द्वारा प्रस्तुत पैयी डण्डा ने दर्शकों को अपनी निपुणता से आश्चर्यचकित कर दिया।
-मानस मिश्रा