हालांकि, अंतरिम टर्मिनल भवन के बाहर यात्री पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ बिंदु पर हुई इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि छत पर पानी जमा होने और तेज़ हवाओं के कारण छत ढह गई। इस घटना के कारण कोई उड़ान संचालन भी प्रभावित नहीं हुआ।
अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से 30 किलोमीटर दूर हीरासर में स्थित है और इसका उद्घाटन पिछले वर्ष जुलाई में हुआ था।
हवाई अड्डे के निदेशक दिगंत बोरा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “पानी जमा होने और तेज हवा के कारण छतरी ढह गई और इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। हमने छतरी के ऊपर से पानी साफ करने के लिए एक टीम तैनात की है।”
सूत्रों के अनुसार, यह छतरी लकड़ी के गूदे का उपयोग करके टिकाऊ कपड़े से बनाई गई है और इसे उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री माना जाता है, जो मुलायम और टिकाऊ होती है।
पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। हालांकि, इसके उद्घाटन के बाद से ही एयरपोर्ट कार्गो हैंडलिंग के लिए बनी एक अस्थायी इमारत में काम कर रहा है। नए स्थायी टर्मिनल को फरवरी 2024 के अंत तक पूरा किया जाना था, लेकिन यह अभी भी निर्माणाधीन है और नई समयसीमा 15 अगस्त तय की गई है।
1,025 हेक्टेयर में फैले इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को 1,405 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। 3,040 मीटर लंबे और 45 मीटर चौड़े रनवे वाले इस एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, पुणे और गोवा जैसे गंतव्यों को जोड़ने वाली 10 से 12 उड़ानें संचालित होती हैं और हर दिन 3,000 से 4,000 यात्री यात्रा करते हैं।