पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में जेडीयू नेता ने कहा, “ये लोग पुरुष ही न बच्चे ऐसे सजा होनी चाहिए। बलात्कारियों की मर्दानगी खत्म कर देनी चाहिए।”
उन्होंने सुझाव दिया कि जांच और सुनवाई में केवल महिला पुलिसकर्मी, डॉक्टर और न्यायाधीश ही शामिल होने चाहिए।
अपनी मांग को “महिला-समर्थक” और विवादास्पद नहीं बताते हुए त्यागी ने कहा कि बलात्कार के दोषियों को इतनी कड़ी सजा देने से यह सुनिश्चित होगा कि उन्हें अपने अपराध के लिए जीवन भर पीड़ा सहनी पड़ेगी, जिससे अन्य लोग भी ऐसे अपराध करने से बचेंगे।
मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पारित बलात्कार विरोधी विधेयक का समर्थन करने वाले त्यागी ने बलात्कार और हत्या मामले के प्रति मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रवैये को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।
प्रस्तावित कानून में बलात्कार-हत्या के दोषियों के लिए मृत्युदंड तथा यौन उत्पीड़न के मामलों में बिना पैरोल के जेल की सजा का प्रावधान है।
9 अगस्त को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद व्यापक और जारी विरोध प्रदर्शनों के बाद, बंगाल सरकार ने विधेयक को पेश करने और पारित करने के लिए सदन का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया था।