गांधी ने दोनों घटनाओं के स्क्रीनशॉट और वीडियो साझा करते हुए देश भर में फैले “भय के राज” की निंदा की। उन्होंने भाजपा सरकार पर अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रहने के कारण ऐसी हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
राहुल ने एक पोस्ट में कहा, “इन बदमाशों को भाजपा सरकार से खुली छूट मिली हुई है, इसीलिए उन्हें ऐसा करने की हिम्मत मिली है। अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों पर हमले जारी हैं और सरकारी मशीनरी मूकदर्शक बनी हुई है।”
राहुल ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया तथा हमलों को भारत की सांप्रदायिक एकता और इसके संविधान में निहित सिद्धांतों के लिए सीधी चुनौती बताया।
उन्होंने कहा, “कानून के शासन को बनाए रखने के लिए ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। भारत की सांप्रदायिक एकता और उसके नागरिकों के अधिकारों पर कोई भी हमला संविधान पर हमला है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, हम नफरत के खिलाफ भारत को एकजुट करने की इस ऐतिहासिक लड़ाई को जीतेंगे।”
राहुल ने संकल्प लिया कि कांग्रेस पार्टी नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ “देश को एकजुट करने” के अपने प्रयास जारी रखेगी।
हरियाणा के चरखी दादरी में 27 अगस्त को हुई एक घटना में पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम प्रवासी मजदूर की कथित तौर पर कुछ लोगों के समूह ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। गौरक्षककथित तौर पर यह हमला इस संदेह से प्रेरित था कि व्यक्ति ने गोमांस खाया था, जिसमें एक अन्य व्यक्ति भी गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय अधिकारियों ने तब से निगरानी समूह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है और हमले के सिलसिले में दो नाबालिगों को हिरासत में लिया है।
महाराष्ट्र में दूसरी घटना एक बुजुर्ग व्यक्ति की थी, जिस पर धुले में ट्रेन में यात्रियों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया था। अशरफ अली सैयद नाम के इस व्यक्ति पर गोमांस ले जाने के संदेह में हमला किया गया था, जो मालेगांव में अपनी बेटी से मिलने जा रहा था। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया।