एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सिंगापुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान बुनियादी ढांचे के विकास की गति और पैमाने को बढ़ाएगा तथा रेलवे, सड़क, बंदरगाह, विमानन, औद्योगिक पार्क और डिजिटल कनेक्टिविटी में नए अवसरों पर प्रकाश डाला।
मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में परिवर्तनकारी प्रगति की है और राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत पूर्वानुमान, व्यापार करने में आसानी और सुधार-उन्मुख आर्थिक एजेंडे की अपनी ताकत के कारण यह उसी रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने कहा कि देश में कुशल प्रतिभाओं का एक समूह, विस्तृत बाजार अवसर उपलब्ध हैं और यह वैश्विक आर्थिक विकास में 17% का योगदान दे रहा है।
“यदि कोई सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाज़ार भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया में सबसे बड़ा निवेश भारत में है… पूरा आसमान खुला है।” उन्होंने कहा कि भारत में स्क्रैपिंग व्यवसाय भी भारी निवेश के अवसर प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि सभी पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने की योजना है।
प्रधानमंत्री ने द्वीप राष्ट्र में इन्वेस्ट इंडिया कार्यालय की स्थापना की भी घोषणा की। बैठक में शामिल सीईओ में सिंगापुर सॉवरेन वेल्थ फंड टेमासेक होल्डिंग्स और जीआईसी, अग्रणी बैंक डीबीएस ग्रुप, सिंगापुर एयरलाइंस, अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी सेम्बकॉर्प, चांगी एयरपोर्ट, सिंगटेल, एसजीसी और कैपिटलैंड इन्वेस्टमेंट के सीईओ शामिल थे।