बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी जीत को ‘देश के लिए सबसे बड़ा उपहार’ बताया।
बातचीत में पदक विजेता हरविंदर सिंह, कपिल परमार, प्रणव सूरमा, सचिन सरजेराव खिलारी और धरमबीर शामिल थे।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की तथा उनके प्रशिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की।
चल रहे खेलों में भारत के पदकों की संख्या 26 हो गई है, जिसमें छह स्वर्ण, नौ रजत और 11 कांस्य पदक शामिल हैं।
यह अब तक किसी पैरालिंपिक प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्राप्त किए गए स्वर्ण पदकों की सर्वाधिक संख्या है, जो टोक्यो 2020 में जीते गए पांच स्वर्ण पदकों से अधिक है।
इसके अतिरिक्त, यह पैरालिंपिक में भारत द्वारा प्राप्त अब तक के सर्वाधिक पदक हैं, जो पिछले टोक्यो खेलों में जीते गए 19 पदकों से अधिक हैं।
गुरुवार को कपिल परमार ने पुरुषों की 60 किग्रा जे1 स्पर्धा में ब्राजील के एलीलटन डी ओलिवेरा को हराकर कांस्य पदक जीता। परमार ने 33 सेकंड में इप्पोन को अंजाम दिया, जिससे कांस्य पदक पक्का हो गया और मौजूदा खेलों में भारत का 25वां पदक बना।
हरविंदर सिंह ने पैरालिंपिक में पैरा-तीरंदाजी में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। हरविंदर ने पोलैंड के लुकास सिसजेक को निर्णायक 6-0 के फाइनल में हराया।
सचिन सरजेराव खिलारी ने बुधवार को पुरुषों की शॉटपुट एफ46 स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीता। उन्होंने 16.32 मीटर थ्रो किया, जो क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ भी रहा। खिलारी 0.6 मीटर से स्वर्ण पदक से चूक गए।
भारत ने दोहरी पोडियम फिनिश की अपनी श्रृंखला जारी रखी, जिसमें पैरा-एथलीट धरमबीर और प्रणव सूरमा ने पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 फाइनल में क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक जीते।
धरमबीर के रिकॉर्ड तोड़ने वाले थ्रो ने टोक्यो संस्करण में भारत के पांच स्वर्ण पदकों की बराबरी की और 34.92 मीटर थ्रो के साथ एक नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया। प्रणव सूरमा ने 34.59 मीटर थ्रो के साथ रजत पदक हासिल किया।