27 जुलाई को दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन छात्र डूब गए। मरने वालों में उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) शामिल थे। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद से ही विभिन्न कोचिंग संस्थानों में नामांकित छात्र बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर राहत प्रदान की।
इसके अतिरिक्त, न्यायाधीश चांदना ने गुप्ता को 30 नवंबर तक रेड क्रॉस सोसाइटी के पास 2.5 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया। यह निर्णय परिसर के पट्टा समझौते पर आधारित था, जिसमें कहा गया था कि गुप्ता, संस्थान के पट्टेदार और सीईओ के रूप में, किसी भी व्यक्ति या सामग्री को हुए किसी भी नुकसान, दावे या क्षति के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि गुप्ता और सिंह राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल में क्रमशः सीईओ और समन्वयक के पद पर थे और इसके संचालन के प्रभारी थे।
इससे पहले 13 सितंबर को हाईकोर्ट ने चार ज़मीन मालिकों को ज़मानत दी थी और उन्हें रेड क्रॉस में 5 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया था। इसके बाद एक कोष बनाया गया था।