इससे पहले रविवार को केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए अचानक कहा था, “अगर जनता मुझे दोबारा चुनती है तो यह मेरी ईमानदारी का प्रमाण पत्र होगा।”
उन्होंने दिल्ली में शीघ्र चुनाव इस वर्ष नवम्बर में कराने का आह्वान किया, जो महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों के साथ ही होगा, जबकि मूल रूप से यह चुनाव फरवरी 2025 में होने थे।
यह घटना केजरीवाल को एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के कुछ दिनों बाद हुई है। भ्रष्टाचार का मामला यह मामला कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित है।
भाजपा ने केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा को “पीआर स्टंट” करार दिया है, तथा कहा है कि यह तिहाड़ जेल से हाल ही में उनकी रिहाई के बाद उनकी सार्वजनिक छवि को बहाल करने का एक प्रयास है।
एएपीपार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) अगले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन और दिल्ली मंत्रिमंडल की संरचना पर विचार-विमर्श करेगी। इसके अतिरिक्त, समिति आगामी हरियाणा चुनावों के लिए रणनीतियों की समीक्षा करेगी, क्योंकि पार्टी का लक्ष्य अपनी राजनीतिक उपस्थिति को व्यापक बनाना है।
आतिशी, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज और कैलाश गहलोत समेत कई मंत्रियों के साथ-साथ दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़ला जैसे कुछ आरक्षित श्रेणी के विधायकों को केजरीवाल के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में माना जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी कथित तौर पर मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं।