ईडी पुलिस ने 14 सितंबर, 2020 को विकास दुबे और उसके सहयोगियों के खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज किया था।विकास दुबे, उसके सभी परिवार के सदस्यों के साथ-साथ जयकांत बाजपेयी, उसके परिवार के सदस्यों और उसके सहयोगियों पर मामला दर्ज किया गया।
ईडी ने हत्या, जालसाजी, धोखाधड़ी, धन के गबन, जबरन वसूली आदि के कई मामलों के संबंध में भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की।
ईडी की जांच से पता चला है कि विकास दुबे अपने सहयोगियों के साथ संगठित अपराध, भू-माफिया, भ्रष्टाचार और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए निर्धारित धन का गबन, जबरन वसूली, हत्या, धोखाधड़ी आदि जैसे विभिन्न प्रकार के अपराधों में शामिल था।
जांच के दौरान विकास दुबे और उसके परिवार के सदस्यों, जयकांत बाजपेयी और उसके परिवार के सदस्यों और उसके सहयोगियों के नाम पर खरीदी गई 10.12 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों की पहचान की गई। ये संपत्तियां विकास दुबे और उसके सहयोगियों की आपराधिक गतिविधियों से अर्जित अपराध की आय से प्राप्त हुई थीं।
ईडी ने विकास दुबे और उसके परिवार के सदस्यों तथा उसके सहयोगियों द्वारा खरीदी गई 10.12 करोड़ रुपये मूल्य की इन संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है और इसकी पुष्टि न्यायाधिकरण (पीएमएलए, नई दिल्ली) द्वारा भी की गई है।
स्मरण रहे कि 2 जुलाई 2020 की रात को जिले के बिकरू गांव में विकास के घर छापेमारी के लिए गई पुलिस टीम पर विकास और उसके साथियों ने हमला कर दिया था।
इस हमले में गैंगस्टर और उसके साथियों ने बिल्हौर के तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
बाद में पुलिस ने लगातार मुठभेड़ों में विकास और उसके पांच कथित साथियों समेत छह आरोपियों को मार गिराया था। कुछ पुलिसकर्मियों समेत करीब 50 आरोपी जेल में हैं।